मुगदर कला हमारे देश में महाभारत काल से चली आ रही है . भीम, दुर्योधन, बलराम और जरासंघ मुगदर तथा गदा चलाने में प्रवीण थे . कभी बुलंदशहर दिल्ली के क्षेत्र में १६२ अखाड़े थे जो अब उँगलियों पर सिमट कर रह गयी है और इन अखाड़ों में भारी तादाद में लोग-बाग कुश्ती और मुगदर और अन्य अस्त्र शस्त्र कला सीखने जाते थे |
मुगदर तथा गदा सबसे सस्ता और सुलभ साधन है| मुगदर घुमाने से आप फिट रहेंगे और आपको जिम नहीं जाना पडेगा| दिन में २०-२५ बार मुगदर घुमाने से आपको ब्लड प्रेसर और शुगर जैसी बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है और आपको कोई भी असाध्य बीमारी नहीं होगी|
आज के युवा मुगदर कला को नहीं जानते हैं| अक्सर पढ़ाई करने वाले छात्र तनाव ग्रस्त हो जाते है और इस कारण से वे अच्छी नींद नहीं ले पाते हैं और नींद लाने के लिए वे अक्सर नींद की गोलियों का सेवन करते हैं| यदि वे नियमित मुगदर चलायें तो उन्हें कभी नींद की गोली नहीं खाना पड़ेगी और उन्हें भरपूर नींद आयेगी|
भारत में आज भी कुछ ऐसे लोग हैं जो इस प्राचीन परम्परागत कला को बचाने हेतु पुरजोर प्रयास कर रहे हैं उनमे हमारे बड़े भाई समान Gagandeep Singh भाई जी , Pratyay Singh भाई जी , मैं G Krishna Chauhan (मैं स्वयं) आदि तथा भारत से बाहर गुरु जी श्रीमान Paul Taras Wolkowinski सर, श्रीमान Steve Angell सर, श्रीमान Ken Theissen सर आदि प्रमुख है |
मुगदर कला को सीखने के लिए आप हम में से किसी से भी संपर्क कर सकते हैं तथा वीडियो देखने के लिए इस लिंक पर भी जा सकते हैं |
https://www.youtube.com/channel/UCDnbGc049_rCK1PkOVoh37g
आप सभी के लिए मेरा गगन जी के साथ हमारे कुछ मुगदरो का एक फोटो सलग्न कर रहा हूँ |
मुगदर |
हम आप सभी से भारत के एक अभिन्न कला को बचाने में हमारे सहयोग की आशा करते हैं | धन्यवाद |
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